जादुई कलम और नन्ही चिड़िया
एक बार की बात है एक छोटे से गांव में एक लड़का रहता था जिसका नाम अर्जुन था। अर्जुन को कहानियां लिखने का बहुत शौक था लेकिन उसके पास लिखने के लिए कुछ खास साधन नहीं थे। वह हमेशा सोचता था "काश मेरे पास एक ऐसी कलम होती जो मेरी कहानियों को जादुई बना देती।"
एक दिन जब अर्जुन नदी के किनारे बैठा अपनी डायरी में कुछ लिखने की कोशिश कर रहा था तभी उसके पास एक छोटी-सी चिड़िया आकर बैठ गई। चिड़िया के पंख चमचमाते हुए सुनहरे रंग के थे और उसकी चोंच में एक चमचमाती कलम थी।
अर्जुन ने चिड़िया से पूछा "तुम्हारे पास यह चमचमाती कलम कहाँ से आई?"

चिड़िया मुस्कुराई और बोली "यह कोई साधारण कलम नहीं है यह जादुई कलम है। लेकिन इसे पाने के लिए तुम्हें अपनी बुद्धि और दयालुता साबित करनी होगी। क्या तुम तैयार हो?"
अर्जुन ने उत्साहित होकर हामी भरी। चिड़िया ने उसे तीन कठिन चुनौतियाँ दीं।
पहली चुनौती: दया की परीक्षा
चिड़िया ने अर्जुन को गांव के बाहर स्थित एक पुराने पेड़ के पास भेजा। वहां एक घायल खरगोश पड़ा था। अर्जुन ने बिना समय गवाएं खरगोश को अपनी शर्ट से पट्टी बांधी और उसे वापस स्वस्थ होने तक अपने घर में रखा।
दूसरी चुनौती: बुद्धिमानी की परीक्षा
इसके बाद चिड़िया ने उसे एक भूलभुलैया वाले जंगल में भेजा जहां उसे एक चमचमाता मोती ढूंढना था। अर्जुन ने अपनी समझदारी से रास्ते के संकेतों को पहचाना और मोती खोज लाया।
तीसरी चुनौती: सत्य की परीक्षा
अंत में चिड़िया ने अर्जुन से कहा "अब आखिरी परीक्षा है। मुझे सच बताओ तुम इस जादुई कलम से क्या करोगे?"

अर्जुन ने ईमानदारी से जवाब दिया "मैं इससे बच्चों के लिए कहानियां लिखूंगा जिससे उन्हें प्रेरणा और आनंद मिल सके।"
चिड़िया उसकी ईमानदारी से प्रभावित हुई और बोली "तुमने सभी परीक्षाएं पास कर लीं। यह जादुई कलम अब तुम्हारी है। इससे जो भी कहानी लिखोगे वह जादुई रूप से सजीव हो जाएगी।"
अर्जुन ने जादुई कलम से पहली कहानी लिखी जिसमें एक बगीचा जादुई फूलों से भर गया। उसकी कहानियों ने पूरे गांव में खुशियां फैला दीं।
इस तरह अर्जुन और उसकी जादुई कलम ने बच्चों और बड़ों के दिलों को कहानियों के जादू से भर दिया।
जादुई कलम और नन्ही चिड़िया