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बुद्धिमान राजा और जादुई पक्षी

Kids Hindi Story
27 फ़रवरी 2025 by
बुद्धिमान राजा और जादुई पक्षी
ImtiyazSheikh

बुद्धिमान राजा और जादुई पक्षी


बहुत समय पहले, एक सुंदर राज्य था जिसके राजा, राजा विक्रम, बहुत बुद्धिमान और दयालु थे। उनका राज्य समृद्ध था, लेकिन एक दिन राज्य में सुनहरी फसलें अचानक सूखने लगीं, नदियाँ सूख गईं और बारिश आना बंद हो गई।


राजा विक्रम बहुत परेशान थे। उन्होंने अपने मंत्री और विद्वानों से सलाह ली, लेकिन कोई उपाय नहीं निकाल पाए। तब एक बूढ़े ऋषि ने कहा, "राजन, अगर आपको जादुई नीला पक्षी मिल जाए, तो राज्य में फिर से समृद्धि आ सकती है!"


🔍 जादुई पक्षी की खोज

राजा विक्रम ने तुरंत अपने सबसे बहादुर सैनिकों को पक्षी की खोज में भेजा, लेकिन कई दिनों तक किसी को भी पक्षी नहीं मिला।


तब राजा के छोटे बेटे राजकुमार अर्जुन ने कहा, "पिताजी, मैं खुद इस पक्षी को खोज लूंगा!"


राजा ने पहले तो मना कर दिया, लेकिन फिर उसके साहस को देखकर उसे जाने की अनुमति दे दी।


🌿 जादुई जंगल में यात्रा

राजकुमार अर्जुन अपने घोड़े पर सवार होकर घने जादुई जंगल में गए। वहाँ उन्होंने एक बूढ़ा उल्लू देखा।


उल्लू ने कहा, "अगर तुम सच में अच्छे दिल के हो, तो जादुई चिड़िया खुद तुम्हारे पास आएगी। लेकिन पहले तुम्हें मेरी तीन परीक्षाएँ पास करनी होंगी!"


1️⃣ पहली परीक्षा: अर्जुन को एक गहरी नदी पार करनी थी, जिसमें तेज़ लहरें थीं। लेकिन अपनी बुद्धि से उसने एक मज़बूत नाव बनाई और उसे पार कर गया।


2️⃣ दूसरी परीक्षा: उसे बिना रास्ता भटके गहरे अंधेरे जंगल से बाहर आना था। उसने चाँद की रोशनी और अपनी बुद्धि से सही रास्ता ढूँढ़ लिया।


3️⃣ तीसरी परीक्षा: उसे बिना लड़े भूखे शेर से आगे निकलना था। अपनी बुद्धि से उसने शेर के लिए खाना फेंका, जिससे शेर खुश हो गया और रास्ता छोड़ दिया।


🕊️ जादुई चिड़िया का आगमन

जब राजकुमार अर्जुन तीनों परीक्षाएँ पास कर गए, तो एक सुंदर नीला पक्षी अचानक पेड़ से उतरकर अर्जुन के कंधे पर बैठ गया।


उल्लू मुस्कुराया और बोला, "अब यह पक्षी तुम्हारा दोस्त बन गया है। इसे अपने राज्य में ले जाओ, और यह फिर से समृद्धि लाएगा!"


🏰 राज्य में समृद्धि

राजकुमार अर्जुन जादुई पक्षी को महल में ले आए और उसे छोड़ दिया। अचानक आसमान में गहरे नीले बादल छा गए, ठंडी हवा चलने लगी और भारी बारिश होने लगी! 🌧️🌿 कुछ ही समय में, राज्य की नदियाँ फिर से बहने लगीं, फसलें हरी हो गईं और लोग खुशी से नाचने लगे।


राजा विक्रम ने अपने बेटे को गले लगाया और कहा, "सच्ची बुद्धि और साहस से हर समस्या का समाधान हो सकता है!"


🌟 नैतिक:

"बुद्धि, साहस और दया से हर समस्या का समाधान हो सकता है।"


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