एक घने जंगल में चंचल नाम की एक चिड़िया रहती थी। चंचल अपनी चतुराई और सुंदर गाने के लिए पूरे जंगल में मशहूर थी। उसने अपना घोंसला एक ऊँचे और सुरक्षित पेड़ पर बनाया था, जहाँ वह अपने कीमती अंडों को रखती थी। चंचल अपने अंडों से बहुत प्यार करती थी और हमेशा उनकी सुरक्षा के लिए सतर्क रहती थी।
एक दिन, जंगल में एक शातिर शिकारी आया। वह जंगल के जानवरों को पकड़ने और उन्हें बेचने का काम करता था। उसने चंचल के घोंसले को देख लिया और सोचा कि इसके अंडे बहुत कीमती हो सकते हैं। उसने अंडे चुराने की योजना बनाई। लेकिन चंचल इतनी समझदार थी कि उसने शिकारी को दूर से ही देख लिया।
चंचल ने सोचा, "अगर मैंने जल्दी से कुछ नहीं किया, तो मेरे अंडे खतरे में पड़ सकते हैं।" वह तुरंत अपने दोस्तों को बुलाने के लिए उड़ गई। उसने जंगल के बाकी पक्षियों और जानवरों को शिकारी के बारे में बताया। सभी ने चंचल की बात सुनी और उसे मदद का भरोसा दिया।
शिकारी ने चुपचाप पेड़ पर चढ़ने की कोशिश की, लेकिन चंचल ने एक चालाक योजना बनाई। उसने अपने दोस्तों को अलग-अलग जगहों पर छुपा दिया। जैसे ही शिकारी पेड़ पर चढ़ने लगा, चंचल ने जोर से चीखना शुरू कर दिया। उसकी आवाज सुनकर बाकी पक्षी और जानवर शोर मचाने लगे। उन्होंने शिकारी को घेर लिया।
शिकारी ने खुद को घिरा हुआ पाया। उसने अपनी चालाकी से बचने की कोशिश की। वह पेड़ पर से कूदकर भागने लगा, लेकिन जंगल के जानवरों ने उसे डराकर भगा दिया। चंचल के अंडे सुरक्षित रहे, और शिकारी कभी उस जंगल में वापस नहीं आया।
इस घटना ने जंगल के सभी जानवरों को यह सिखाया कि चतुराई और साहस से किसी भी मुसीबत का सामना किया जा सकता है। चंचल की बुद्धिमत्ता और बहादुरी की कहानी जंगल में आज भी मशहूर है।
चतुर चंचल चिड़िया